When is Sarad Purnima 2023 ? सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) : इतिहास, महत्व, और उसका मनाने का कारण ?

When is Sarad Purnima 2023 ? सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) : इतिहास, महत्व, और उसका मनाने का कारण ?

When is Sarad Purnima : 28 OCT, Sat  5:30 am

 

Sarad Purnima

 

सरद पूर्णिमा(Sarad Purnima): इतिहास, महत्व, और उसका मनाने का कारण

 सरद पूर्णिमा का परिचय

  • सरद पूर्णिमा, भारतीय हिन्दू पर्वों में से एक है, जिसे पूरी चाँद की रात के साथ मनाया जाता है।
  • यह पर्व अक्टूबर और नवम्बर के बीच मनाया जाता है, जब पूर्णिमा तिथि होती है।

 सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) का इतिहास :

  • सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) का इतिहास वेदों में मिलता है और यह एक प्राचीन परंपरागत पर्व है।
  • इसे गोधूलि पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन गौओं को विशेष प्रकार से पूजा जाता है।

 सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) का महत्व

  • सरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी का आगमन माना जाता है, और लोग इसे धन और संपत्ति के आने का संकेत मानते हैं।
  • इस दिन बुद्धिमान और विद्या के प्रतीक गोवत्स की पूजा की जाती है।
  • सरद पूर्णिमा के दिन जगह-जगह रात्रि जागरण का आयोजन होता है, जिसमें भजन-कीर्तन और कथा सुनाई जाती है।

 सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) के  उपन्यासिक महत्व

Sarad Purnima

 

  • भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन रासलीला की आयोजन की थी, जिससे इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
  • इस पर्व का महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से हिन्दू समुदाय अपने भगवान के लिए प्रेम और भक्ति का अभिवादन करते हैं।

 सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) का  पूजा और उन्हें क्यों मनाते हैं

  • सरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • गौमाता की पूजा भी की जाती है, जिसका संबंध भगवान कृष्ण के गोपियों से है।
  • इस दिन कई स्थानों पर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में व्रत रखा जाता है, और लोग समुद्र तटों पर स्नान करते हैं।
  • रात्रि जागरण होता है, जिसमें भगवान की कथा सुनाई जाती है और भजन-कीर्तन किया जाता है।

 

Also Read : When is Teej 2023 : तीज (Teej) का त्योहार क्यों मनाया जाता है, तीज का इतिहास, और उपवास कैसे किया जाता है ?

 सरद पूर्णिमा का महत्व विभिन्न धर्मों में

  • सरद पूर्णिमा का उपयोग बौद्ध और जैन धर्म में भी किया जाता है।
  • बौद्ध धर्म में इसे अश्वमेध पूजा के रूप में मनाया जाता है, जब बौद्ध भिक्षु बोधि वृक्ष के नीचे जम्बुद्वीप के राजा के लिए मेदितेश्वर होते हैं।
  • जैन धर्म में इसे देव पार्वण कहा जाता है, और इस दिन जैन धर्माचार्य व्रत और ध्यान के लिए अपने अनुयायियों के साथ होते हैं।

 सरद पूर्णिमा का सामाजिक महत्व

  • सरद पूर्णिमा का आयोजन सामाजिक एकता और धार्मिक आदर्शों की प्रमोट करने में मदद करता है।
  • इस दिन लोग दान-धर्म, सेवा, और अच्छे कर्मों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं।
  • समुद्र तटों पर स्नान करने से प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लिया जाता है और लोग शांति और सुख की कामना करते हैं।

 सरद पूर्णिमा के खेल और मनोरंजन

  • सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) के दिन लोग खिलवाड़ियों के द्वारा खेले जाने वाले विभिन्न प्रकार के खेल देखते हैं, जैसे कि कबड्डी और क्रिकेट।
  • रात्रि जागरण में भजन-कीर्तन और विभिन्न प्रकार के गीतों का आयोजन किया जाता है।
  • कई स्थानों पर लोग रात को कैसे खेल खेलते हैं और आपसी मनोरंजन का आनंद लेते हैं।

 सरद पूर्णिमा के उपहार और भोजन

  • इस दिन लोग दान और चारित्रिक सेवाओं का महत्व देते हैं, और गरीबों को धन और भोजन देते हैं।
  • धन्य और सुखी जीवन की कामना करते हुए, लोग बनाए जाने वाले लड्डू, पुरी, और खीर जैसे मिठाई खाते हैं।

सरद पूर्णिमा के विभिन्न रूप

Sarad Purnima

 

  • सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) के रूप भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग होते हैं।
  • उत्तर भारत में इसे कार्तिक पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जब लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं।
  • दक्षिण भारत में, इसे दीपावली के दिन मनाया जाता है, जब लोग घरों को दीपों से सजाते हैं।

 सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) का संदेश

  • सरद पूर्णिमा का संदेश है कि हमें धार्मिकता, भक्ति, और सेवा के माध्यम से आत्मा के शुद्धि की दिशा में काम करना चाहिए।
  • इस पर्व के माध्यम से हमें धन और संपत्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।

 समापन :

  • सरद पूर्णिमा हिन्दू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो आत्मा के साथ धन और संपत्ति के महत्व को भी समझाता है।
  • यह पर्व धार्मिकता, सामाजिक एकता, और भक्ति की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है और लोगों को संजीवनी बनाता है।

इस तरह, सरद पूर्णिमा का महत्व और महत्व का संदेश हमारे समाज में साझा किया जा सकता है, जो हमें धार्मिकता और मानवता की महत्वपूर्ण मूल्यों की ओर अग्रसर करता है।

 

Also Read : When is Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी का महत्व, इतिहास, रीति-रिवाज और उपवास कैसे करें ?

3 thoughts on “When is Sarad Purnima 2023 ? सरद पूर्णिमा (Sarad Purnima) : इतिहास, महत्व, और उसका मनाने का कारण ?”

Leave a Comment